Shukrawar ki Aarti

free shukrawar ki aarti pdf ( शुक्रवार की आरती ) Download here. भारतीय संस्कृति में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता की पूजा-अर्चना को समर्पित है। उनमें से शुक्रवार का दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी और भगवान लक्ष्मण जी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। शुक्र ग्रह को सुख, सौंदर्य, कला, प्रेम और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस दिन की पूजा और आरती जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि प्रदान करती है।

शुक्रवार का धार्मिक महत्व

शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। भक्त सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर मंदिरों में दीप प्रज्वलित करते हैं और व्रत-पूजा के माध्यम से धन, सौभाग्य और घर-परिवार में खुशहाली की कामना करते हैं।

इसके साथ ही इस दिन भगवान लक्ष्मण जी की आरती का भी विशेष महत्व है। वे भगवान राम के अनुज तथा शेषनाग के अवतार हैं। उनके द्वारा असुरों के विनाश और धर्म की स्थापना का उल्लेख आरती में मिलता है, जो भक्तों को साहस, धैर्य और धर्मपथ पर चलने की प्रेरणा देता है।

शुक्रवार की आरती का भावार्थ

आरती में लक्ष्मण जी की दिव्यता, पराक्रम और उनके गुणों का सुंदर वर्णन मिलता है। माता सुमित्रा द्वारा की गई आरती का दृश्य भक्त के मन में मातृत्व और भक्ति का भाव उत्पन्न करता है।

आरती यह प्रेरणा देती है कि भक्ति ध्रुव, प्रह्लाद और विभीषण जैसी अटूट होनी चाहिए। प्रेम और समर्पण से आरती गाने वाला भक्त बैकुंठ धाम की प्राप्ति का पात्र बनता है।

शुक्रवार की आरती करने के लाभ

1. आध्यात्मिक लाभ

  • मोक्ष और सद्गति की प्राप्ति
  • भक्ति और श्रद्धा का बढ़ना
  • आत्मिक शुद्धि एवं दिव्यता का अनुभव

2. मानसिक लाभ

  • मन में शांति और संतोष
  • नकारात्मक विचारों का नाश
  • साहस और धैर्य में वृद्धि

3. घर में सकारात्मक ऊर्जा

  • सकारात्मक कंपन और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार
  • वास्‍तुदोष का निवारण
  • परिवार में सौहार्द और सुख-शांति

4. धार्मिक और सांस्कृतिक लाभ

  • पुण्य की प्राप्ति
  • नई पीढ़ी में धार्मिक संस्कारों का विकास
  • समाज में धर्म और संस्कृति का प्रसार

आरती का व्यापक प्रभाव

आरती केवल भक्ति का गीत नहीं, बल्कि ध्यान और साधना का एक सशक्त माध्यम है। इसका नियमित गायन मन को शांत करता है, जीवन में संतुलन लाता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

उपसंहार

“शुक्रवार की आरती” भगवान लक्ष्मण जी की महिमा का दिव्य स्तवन है। इसे सच्चे मन से करने पर भक्त को मानसिक, आध्यात्मिक और भौतिक सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह आरती जीवन को प्रकाश, शांति और समृद्धि से भर देती है।

शुक्रवार की आरती

आरती लक्ष्मण बालजती की
असुर संहारन प्राणपति की

जगमग ज्योति अवधपुर राजे
शेषाचल पै आप विराजे

घंटा ताल पखावज बाजे
कोटि देव मुनि आरती साजे

किरीट मुकुट कर धनुष विराजे
तीन लोक जाकी शोभा राजे

कंचन थार कपूर सुहाई
आरती करत सुमित्रा माई

आरती कीजे हरी की तैसी
ध्रुव प्रहलाद विभीषण जैसी

प्रेम मगन होय आरती गावै
बसि वैकुण्ठ बहुरि नहीं आवै

भक्ति हेतु हरि ध्यान लगावै
जन घनश्याम परमपद पावै

Shukravar Aarti In English

Aarti Lakshman Baaljati Ki
Asur Sanhaaran Praanpati Ki

Jagmag Jyoti Avadhpur Raaje
Sheshachal Pai Aap Viraaje

Ghanta Taal Pakhawaj Baaje
Koti Dev Muni Aarti Saaje

Kirit Mukut Kar Dhanush Viraaje
Teen Lok Jaaki Shobha Raaje

Kanchan Thar Kapoor Suhaai
Aarti Karat Sumitra Mai

Aarti Kije Hari Ki Taisi
Dhruv Prahlaad Vibhishan Jaisi

Prem Magan Hopye Aarti Gaave
Basi Vaikunth Bahuri Nahi Aave

Bhakti Hetu Hari Dhyan Lagave
Jan Ghanshyam Parampad Paave

Shukrawar ki Aarti pdf

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