Khandoba Aarti

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श्री खंडोबा की विस्तृत जानकारी

श्री खंडोबा, जिन्हें खंडेराया, मल्हारी मार्तंड, और मैलार के नाम से भी जाना जाता है, पश्चिमी भारत के एक प्रसिद्ध लोकदेवता हैं।

  • भगवान शिव का अवतार: उन्हें मुख्य रूप से भगवान शिव का अवतार माना जाता है, खासकर भैरव और सूर्य के तत्वों से युक्त।
  • कुलदेवता: महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कई परिवारों, विशेषकर ग्रामीण और किसान समुदायों में, उन्हें कुलदेवता (पारिवारिक देवता) के रूप में पूजा जाता है।
  • वीर योद्धा: वे एक उग्र देवता और वीर योद्धा के रूप में प्रतिष्ठित हैं, जो भक्तों की सुरक्षा और सुख-समृद्धि के लिए जाने जाते हैं।
  • उनके चार आयुधों में खड्ग (खाँडे) का विशेष महत्व है, जिसके कारण उनका नाम खंडोबा पड़ा।

मंदिर और पूजा – Khandoba Aarti

  • जेजुरी मंदिर: उनका सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिर महाराष्ट्र के पुणे जिले में जेजुरी शहर में एक पहाड़ी पर स्थित है। इसे जेजुरी-गाड भी कहा जाता है।
  • प्रसाद और पूजा: उनकी पूजा में हल्दी (भंडारा), कुमकुम, फूल, नारियल और घी का दीपक अर्पित किया जाता है। हल्दी का प्रयोग इतना अधिक होता है कि जेजुरी को “सोन्याची जेजुरी” (सोने की जेजुरी) भी कहते हैं।

खंडोबाची आरती पंचानन

पंचानन हयवाहन सुरभूषितनीळा ।
खंडामंडित दंडित दानव अवलीळा ।।
मणिमल्लां मर्दुनियां जो धूसुर पिवळा ।
हिरे कंकण बासिंगे सुमनांच्या माळा ।। १ ।।
जय देव जय देव जय शिव मल्हारी ।
वारी दुर्जन असुरां भवदुस्तर तारी ॥ धृ ॥
सुरवर संबर वर दे मजलागी देवा ।
नाना नामे गाईन ही तुमची सेवा ।।
अघटित गुण गावया वाटतसे हेवा ।
फणिवर शिणला किती नर पामर केवा ॥ जय ॥ २ ॥
रघुवीरस्मरणी शंकर हृदयीं निवाला ।
तो हा मल्लंतक अवतार झाला ।।
यालागी आवडे भाव वर्णिला ।
रामी रामदासा जिवलग भेडला ॥ जय ॥ ३॥

जेजुरगड पर्वत शिवलिंगाकार आरती

जेजुरी गड पर्वत शिवलिंगाकार ।

मृत्युलोकी दुसरे कैलास शिखर ॥

नाना परिची रचना रचली अपार ।

तये स्थळी नांदे स्वामी शंकर ॥

जय देव जय देव जय शिव मार्तंडा ।

अरिमर्दन मल्हारी तूचि प्रचंडा ॥

मणिमल्ल दैत्य प्रबल तो जाहला ।

त्रिभुवनी त्याने प्रलय मांडिला ॥

नाटोपे कोणास वरदे मातला ।

देवगण गंधर्व कापती त्याला ॥

जय देव जय देव जय शिव मार्तंडा..

चंपाषष्ठी दिवशी अवतार धरिसी ।

मणिमल्ल दैत्यांचा संहार करिसी ॥

चरणी पृष्ठी खड्गे वर्मी स्थापिसी ।

अंती वर दे दैत्या मुक्ती पै देसी ॥

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