ChatGPT said:
“सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा PDF Free Download” एक लोकप्रिय देशभक्ति रचना है, जिसे अल्लामा इक़बाल ने लिखा था। इस सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्ता हमारा टोन में गर्व, एकता और देशप्रेम की भावना झलकती है।
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा PDF Free Download
‘सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’
भारत में देशभक्ति का नारा है “सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।” इसका शाब्दिक अनुवाद है, “हमारा हिंदुस्तान, यानी भारत, पूरी दुनिया से बेहतर है।”
“सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा” कथन है।
यह वाक्य 1904 के एक प्रसिद्ध उर्दू देशभक्ति गीत “तराना-ए-हिंदी” से लिया गया है, जिसे मुहम्मद इकबाल ने रचा था। इस गीत की पूरी पंक्ति है:
‘सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ किसने लिखा था कविता “सारे जहाँ से अच्छा” अल्लामा मुहम्मद इकबाल द्वारा लिखी गई थी, जो ब्रिटिश भारत के एक महान कवि और विचारक थे, जिन्होंने बाद में पाकिस्तान के राजनीतिक और सांस्कृतिक गठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
क्या ‘सारे जहाँ से अच्छा’ भारत का राष्ट्रीय गीत है?
यह एक गलत धारणा है कि “सारे जहाँ से अच्छा” भारत का राष्ट्रीय गीत है। वास्तव में, भारत का राष्ट्रीय गान “वंदे मातरम” गीत है, जिसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था। हालाँकि, “सारे जहाँ से अच्छा” भारतीय देशभक्ति के दृष्टिकोण से एक बहुत ही महत्वपूर्ण गीत है, और इसे पूरे देश में बहुत सम्मान के साथ गाया जाता है।
सारे जहां से अच्छा गीत औपचारिक रूप से “तराना-ए-हिंदी” के रूप में जाना जाता था, मुहम्मद इकबाल द्वारा लिखित एक उर्दू भाषा देशभक्ति गीत है। यह गीत/कविता साप्ताहिक पत्रिका इत्तेहाद में 16 अगस्त 1904 को प्रकाशित हुई थी।
इस गीत की पंक्तियाँ मन में देशभक्ति की भावना जगाती हैं। इस गाने को मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने गाया था। यह गाना हमारे देश में 26th जनवरी और 15th अगस्त के मोके पर सबसे ज्यादा चलाया जाता हैं।
Sare Jahan Se Acha Hindustan Humara PDF in Hindi
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसताँ हमारा।।
ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में।
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा।। सारे…
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का।
वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा।। सारे…
गोदी में खेलती हैं, उसकी हज़ारों नदियाँ।
गुलशन है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा।। सारे….
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको।
उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा।। सारे…
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना।
हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्ताँ हमारा।। सारे…
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा, सब मिट गए जहाँ से।
अब तक मगर है बाक़ी, नाम-ओ-निशाँ हमारा।। सारे…
कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी।
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा।। सारे…
‘इक़बाल’ कोई महरम, अपना नहीं जहाँ में।
मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहाँ हमारा।। सारे..
The Song Was Formally Known As “tarānah-e-hindi” Which Is An Urdu Language Patriotic Song Written By Muhammad Iqbal. Sare Jahan Se Achha’s Song/poem Was Published In The Weekly Journal Ittehad On 16 August 1904. The Lines Of This Song Awaken The Feelings Of Patriotism In The Mind. This Song Was Sung By The Legendary Singer Lata Mangeshkar.
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दू स्तान हमारा है न जाने कौन से मुर्ख कह गए है ये ब्रह्माण्ड का कन कन है है ईश्वर का बनाया हम भी उसी के कन कन है ये ब्रह्माण्ड है हमारा..
जो कहते है की रोम यूनानी मिट गए और हमारी हस्ती नहीं मिटी ऐ अल्लाह वालों ठहरो तनिक अभी ज़ब आएगा जलजला जिसे कहते कयामत हो तुम वो मिटायेगी ये जुल्मो सितम तुम्हारा..
ईश्वर की संतान है हम ये मोहमद बुलबुला तुम्हारा जो फूटेगा फ़टेगा लेकर अस्तित्व तुम्हारा.. ऐ उसपे ईमान लाने वाले . तुमको पता नहीं है की ईमान क्या है तुम्हारा…
बस जुल्म की इन्तहा है होने वाली सर्वनाश होगा तुम्हारा.. न डर तुम्हे भगवान का न डर ईमान का है बस झूठ और मक्कारी गद्दारी दग़ा नमक हराम करना ईमान है तुम्हारा..
कुत्ते की तरह तुम हो खाते हो जिसका उस पर ही गुरराते हो यही पहचान कर्म है तुम्हारा. . हर वक़्त द्वेष घृणा सबके प्रति तुम्हारी फिर आज तक क्यों नहीं तुमने इस्लाम कोऊपर से उतारा जो पैदा होता है सनातनी हिन्दू फिर सब ढोंग जिहाद है तुम्हारा…
इंसानियत के हो दुश्मन मानवता के शत्रु हो जीवो आत्माओ को तड़फा कार मारना बस एक काम है तुम्हारा.. जाहिल हो जाहिल ही पैदा करते सबकी दौलत और औरत पर निगाहेँ हराम रखते .. ये इस्लाम है तुम्हारा….
हिन्दूटुव है हम ईश्वर के भक़्त है सब जीवो और प्राणियों की रक्षा करना है काम हमारा. इस ब्रह्माण्ड की कसम है बस दुष्टो का अंत करना एक काम बाकि है और न कोई आरजू है हम सब एक वतन है धरती है मा हमारी..
इसकी लाज रखना ये काम है हमारा.. सारे जहाँ से अच्छा ब्रह्माण्ड है हमारा..
Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Song Lyrics PDF
Sare Jahan Se Accha Hindostan Hamara
Hum Bulbulain Hai Iss Ki Yeh Gulsitan Hamara
Ghurbat Men Hon Agar Ham Rahta Hai Dil Vatan Men
Samjho Vahin Hamen Bhi Dil Hain Jahan Hamara
Parbat Voh Sab Se Uncha Hamsaya Asman Ka
Voh Santari Hamara Voh Pasban Hamara
Godi Men Khelti Hain Is Ki Hazaron Nadiya
Gulshan Hai Jin Ke Dam Se Rashk-e-janan Hamara
Aye Ab Raud Ganga Voh Din Hen Yad Tujhko
Utara Tere Kinare Jab Karvan Hamara
Mazhab Nahin Sikhata Apas Men Bayr Rakhna
Hindi Hai Ham Vatan Hai Hindostan Hamara
Yunan O Misr O Roma Sab Mil Gaye Jahan Se
Ab Tak Magar Hai Baqi Nam O Nishan Hamara
Kuch Bat Hai Keh Hasti Milati Nahin Hamari
Sadiyon Raha Hai Dushman Daur E Zaman Hamara
Iqbal Koi Meharam Apna Nahin Jahan Men
Malum Kya Kisi Ko Dard E Nihan Hamara
Sare Jahan Se Accha Hindostan Hamara
Ham Bulbulain Hai Is Ki Yeh Gulsitan Hamara
यह कविता भारत की सुंदरता, विविधता और महानता का गुणगान करती है। इसमें भारत को एक बगीचे के रूप में दिखाया गया है, जहाँ विभिन्न संस्कृतियाँ और लोग एक साथ रहते हैं। कवि भारतीय संस्कृति की पुरातनता और ज्ञान की परंपरा का उल्लेख करते हैं और गर्व से कहते हैं कि भारत दुनिया के सबसे महान देशों में से एक है।
संरचना:
- प्रारंभ में— भारत की श्रेष्ठता की घोषणा
- मध्य में— भारत की प्राकृतिक सुंदरता और नदियों-पर्वतों का वर्णन
- अंत में— एकता, भाईचारे और गौरव का संदेश